आधार-पैन कार्ड से ठगी का मामला : ठेका दिलाने के बहाने लाखों की ठगी, तेलंगाना पुलिस के नोटिस से करोड़ों के घोटाले का खुलासा

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रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | खनियाधाना क्षेत्र के चार आदिवासी युवकों के साथ बैंक खाता खुलवाने के बहाने लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ितों का आरोप है कि तालाब और चेक डैम निर्माण का ठेका दिलाने के नाम पर उनके आधार और पैन कार्ड का दुरुपयोग कर फर्जी बैंक खाते खोले गए। इन खातों के जरिए 15 से 20 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ। ठगी का खुलासा तब हुआ, जब तेलंगाना पुलिस ने नोटिस जारी किया।

  • ठेका दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी, आदिवासी युवकों के नाम से खुलवाए खाते
  • तेलंगाना पुलिस के नोटिस से साइबर ठगी के जाल का खुलासा
  • आधार-पैन कार्ड के जरिए आदिवासियों को बनाया शिकार, 20 लाख का गबन
  • ग्रामीणों के साथ बड़ा धोखा, ठेके की आड़ में फर्जीवाड़ा
  • ठगी का शिकार बने आदिवासी, पुलिस जांच में जुटी
शिकायतकर्ता कांशीराम ने बताया कि उन्होंने तालाब और चेक डैम बनाने का ठेका लिया था। इसके लिए उन्हें भोड़न गांव निवासी वीरेंद्र सिकरवार और अंकुर परिहार उर्फ बेटू को भुगतान करना था। इसी दौरान वीरेंद्र ने कांशीराम के चार रिश्तेदारों—कमल सिंह आदिवासी, दयाराम आदिवासी, देवेन्द्र आदिवासी और शिशुपाल आदिवासी—के आधार कार्ड लेकर उनके नाम से खनियाधाना के एक बैंक में खाते खुलवाए।

ऐसे खुलीं साजिश की परतें  :

वीरेंद्र ने न केवल बैंक खाते खुलवाए, बल्कि चारों युवकों के पैन कार्ड भी बनवाए और उनके नाम से सिम कार्ड तक निकलवा लिए। ठगी का पर्दाफाश तब हुआ, जब तेलंगाना पुलिस ने इन खातों से जुड़े संदिग्ध साइबर अपराध को लेकर नोटिस भेजा। जब पीड़ित बैंक पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि उनके खातों से भारी भरकम लेन-देन हो चुका है।

गांव की पंचायत और पुलिस में शिकायत :

मामला सामने आने के बाद पीड़ितों ने वीरेंद्र के खिलाफ पंचायत बुलाई, लेकिन उसने यह कहकर मामले से पल्ला झाड़ लिया कि तेलंगाना पुलिस उन्हें पकड़ने नहीं आएगी। निराश होकर चारों पीड़ितों ने खनियाधाना थाने में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। थाना प्रभारी सुरेश शर्मा का कहना है कि शिकायत की जांच जारी है और जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे।

सावधानी की आवश्यकता :

यह मामला न केवल धोखाधड़ी का गंभीर उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे पहचान दस्तावेजों का दुरुपयोग बड़े अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जा सकता है। ग्रामीणों और प्रशासन को मिलकर ऐसे मामलों पर सतर्कता बढ़ानी होगी।

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Author: Tejas Reporter

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