रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
खनियाधाना | शासकीय प्राथमिक विद्यालय भुजरऊ में शिक्षक ब्रह्मानंद मीणा के अथक प्रयासों ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई कहानी लिख दी है। जिस स्कूल में कभी छात्रों की उपस्थिति नगण्य थी, वहां आज शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की जा रही है। यह उपलब्धि सरकारी विद्यालयों में प्रेरणादायक उदाहरण बन चुकी है।
शिक्षक ब्रह्मानंद मीणा ने 2014 में जब इस विद्यालय में अपनी सेवा शुरू की, तब छात्र संख्या तो ठीक थी, लेकिन उपस्थिति का स्तर बेहद निराशाजनक था। उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और पढ़ाई को बच्चों के लिए आकर्षक बनाने की दिशा में काम शुरू किया। पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों के साथ-साथ उन्होंने खेल आधारित शिक्षा को प्राथमिकता दी। उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए शिक्षण सहायक उपकरण (टीएलएम) और नवाचारी विधियों ने बच्चों के भीतर सीखने की नई ऊर्जा भर दी।
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बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की अनोखी पहल
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शिक्षक के प्रयासों से बदला स्कूल का भविष्य
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ब्रह्मानंद मीणा ने लिखी शिक्षा की नई गाथा
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नवाचार से पढ़ाई बनी बच्चों की पहली पसंद
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एक शिक्षक की मेहनत ने स्कूल को बनाया आदर्श
समर्पण से बदली तस्वीर :
ब्रह्मानंद जी ने केवल विद्यालय में सुधार तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर बच्चों के घर-घर जाकर उनके माता-पिता से संवाद स्थापित किया।
अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को स्कूल लौटाने के लिए उन्होंने प्रेरणादायक कहानियां सुनाईं और उनकी समस्याओं को समझते हुए समाधान निकाले। उनकी इस पहल ने बच्चों और अभिभावकों दोनों का विश्वास जीत लिया।