एक नाग-नागिन की रहस्यमयी सच्ची कहानी, आखिर नाग की लाश पर क्यों बैठी रही नागिन? आखिर फिर क्या हुआ?

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अतुल कुमार जैन
शिवपुरी जिले के नरवर ग्राम छतरी की एक शांत सुबह अचानक चीखती जेसीबी मशीन की गर्जना और दिल दहलाने वाली घटना से गूंज उठी। खेतों की सफाई के दौरान मशीन के फावड़े ने जमीन के अंदर छिपे नाग-नागिन की दुनिया को तहस-नहस कर दिया। नाग की चीखती मौत और नागिन की घायल अवस्था ने मानो एक ऐसा दृश्य रच दिया, जो किसी भी देखने वाले की रूह को हिला देने के लिए काफी था।
मशीन के चालक ने जैसे ही फावड़ा चलाया, एक अजीब-सा शोर सुनाई दिया। फावड़ा रुका, और सामने नाग की निर्जीव देह और घायल नागिन का दिल दहला देने वाला दृश्य था। चालक ने अपनी मशीन तुरंत बंद की और हड़बड़ाते हुए गांव वालों को बुलाया।

खबर जंगल में आग की तरह फैली और सैकड़ों ग्रामीण खेत में इकट्ठा हो गए। किसी ने सलमान पठान को बुलाने की सलाह दी, जो इलाके के मशहूर सर्पमित्र हैं। जब पठान वहां पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि नाग की लाश पर नागिन छटपटा रही थी। ऐसा लग रहा था मानो वह अपने साथी को जीवनदान देने की प्रार्थना कर रही हो।

नागिन का अनोखा मातम :
सलमान पठान ने जब नाग को सावधानी से उठाकर जमीन पर रखा, तो नागिन तुरंत उसके पास आ गई। उसकी हरकतें विचित्र थीं। ऐसा लगा जैसे वह रो रही हो। उसकी आँखों में गुस्सा और दर्द का अनोखा संगम था। किसी को पास फटकने की हिम्मत नहीं हो रही थी। नागिन नाग के शव पर लिपटी हुई फुफकार मार रही थी, मानो चेतावनी दे रही हो कि कोई भी उसकी दुनिया में दखल न दे।
पठान ने गांव वालों से कहा, “यह जोड़ी 16-17 साल से साथ थी। नाग-नागिन का यह रिश्ता इंसानों से भी ज्यादा मजबूत होता है। शायद इसीलिए नागिन अपने साथी की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रही।”
मौत के बाद का प्रतिशोध :
जब पठान ने नागिन को हटाने की कोशिश की, तो उसने हमला करने की कोशिश की। ऐसा लगा जैसे वह अपने साथी के लिए इंसाफ चाहती हो। पठान ने बड़ी सूझ-बूझ से उसे शांत किया और उसके घावों का इलाज किया। उनका कहना है, की उसका भी जीवित रहना मुश्किल है।
                      नागिन को जंगल में छोड़ते सर्पमित्र सलमान पठान
जंगल में छोड़ी गई नागिन, लेकिन रहस्य बरकरार :
इलाज के बाद, सलमान पठान ने नागिन को सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया। लेकिन ग्रामीणों के मन में डर और रहस्य छूट गया। गांव के बुजुर्गों ने कहा, “नागिन अपने नाग की मौत को भूलेगी नहीं। वह जरूर लौटेगी। इस जमीन पर उसका रोष बना रहेगा।”
क्या अपने नाग से हमेशा के लिए जुदा होने वाली चोटिल नागिन अब भी जीवित होगी। क्या वो इस हादसे को भुला पाएगी, या फिर इस कहानी का अंत किसी और अनहोनी के साथ होगा? नरवर ग्राम के लोग इस सवाल के जवाब में डरे हुए हैं। यह घटना एक बार फिर से इंसानों और प्रकृति के रिश्ते पर गहरा सवाल छोड़ गई है।
क्या नागिन के आंसुओं का जवाब इंसानों को मिलेगा, या यह कहानी और रहस्यमयी मोड़ लेगी? इसका जवाब तो वक्त ही देगा। लेकिन अभी इलाके इस तरह के तमाम कयास लगाए जा रहे हैं।

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