रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह मुरम माफिया की गुंडागर्दी का खौफनाक चेहरा सामने आया। अवैध लाल मुरम खनन का कवरेज कर रहे वरिष्ठ पत्रकार देवेन्द्र समाधिया पर माफिया गजराज रावत और उसके साथियों ने सरेआम जानलेवा हमला किया। घटना तब हुई जब पत्रकार अपने कैमरे में खनन का साक्ष्य कैद कर रहे थे।
दरअसल फतेहपुर क्षेत्र में गीता पब्लिक स्कूल के सामने और शिवपुरी पब्लिक स्कूल के पीछे श्मशान घाट के पास लंबे समय से लाल मुरम के अवैध खनन सूचना मिल रही थी। शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे पत्रकार देवेन्द्र समाधिया, अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद, इस खदान पर पहुंचे। मजदूरों से बातचीत के दौरान पता चला कि यह काम गजराज रावत का है।
जैसे ही मजदूरों ने गजराज रावत को पत्रकार की मौजूदगी की सूचना दी, वह अपने साथियों के साथ मौके पर आ धमका। माफिया ने पत्रकार को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, बंधक बनाया और जबरन कार में अगवा करने की कोशिश की।
HEADLINES…
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शिवपुरी में खनन माफिया का कहर, पत्रकार पर हमला
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प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला, प्रशासन की भूमिका पर सवाल
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पत्रकार की बहादुरी और पुलिस की तत्परता से बचा जीवन
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माफिया गिरफ्तार, कलेक्टर बोले सख्त कार्रवाई होगी
साहस से बचाई जान :
देवेंद्र किसी तरह माफिया के चंगुल से छूटकर पास के सरस्वती विद्यापीठ स्कूल में शरण लेने में सफल रहे। पुलिस को घटना की जानकारी दी गई, लेकिन तब तक माफिया ट्रैक्टर-ट्रॉली और मजदूरों के साथ भागने में सफल हो गया।
पिछली घटनाओं से नहीं ली सीख :
गजराज रावत और उसके साथी भूरा रावत के खिलाफ पहले भी अवैध खनन के कई मामले दर्ज हैं। प्रशासन ने कई बार कार्रवाई करते हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली और डंपर जब्त किए थे। बावजूद इसके, माफिया की गतिविधियां जारी हैं, क्योंकि अपुष्ट सूत्र बताते हैं, की उसे कुछ स्थानीय नेताओं और अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि बार-बार कार्रवाई के बावजूद अवैध खनन बदस्तूर जारी है।
प्रशासन पर उठे सवाल :
यह घटना खनन माफियाओं की बढ़ती ताकत और प्रशासन की विफलता को उजागर करती है। स्थानीय नेताओं का संरक्षण माफिया को निरंतर बल प्रदान कर रहा है। पत्रकार पर हुआ हमला न केवल प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि प्रशासन और कानून-व्यवस्था की पोल भी खोलता है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन की नाक के नीचे इस तरह के अवैध कार्य होना मिलीभगत है या फिर लापरवाही ये विचारणीय है।
समाज और शासन को जवाब देना होगा कि पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर सच उजागर कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा का जिम्मा कौन उठाएगा?
जरूरत है निर्णायक कदमों की :
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सच की आवाज उठाने वालों को सुरक्षा की दरकार है। प्रशासन को दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
“तेजस रिपोर्टर” इस कायरतापूर्ण हमले की निंदा करता है और पीड़ित पत्रकार को न्याय दिलाने के साथ ही दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग करता है।
इनका कहना…
“मैं अपने बच्चों को स्कूल छोड़कर लौट रहा था, तभी लाल मुरम के अवैध खनन का दृश्य देखा। कवरेज करने के बाद माफिया ने मुझ पर हमला किया और अगवा करने की कोशिश की।”
देवेन्द्र समाधिया, पीड़ित पत्रकार“घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पत्रकार को बचा लिया गया और आरोपी गजराज रावत को गिरफ्तार कर लिया गया है। दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।”
कृपाल सिंह रावैड़, थाना प्रभारी“यह घटना बेहद गंभीर है। माफिया पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिले में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और यह जारी रहेंगे।
रवीन्द्र कुमार चौधरी, कलेक्टर-शिवपुरी